विक्रम सिँह रावत
1
॥ दिल की गिरह खोल दो ॥
2
॥ परिचय ॥
2.1
॥ विक्रम सिहँ रावत ॥
खण्ड-१ ॥ स्वछंद मुक्तक ॥
3
॥ मुक्तक ॥
3.1
॥ मुक्तक 1 ॥
3.2
॥ मुक्तक 2 ॥
3.3
॥ मुक्तक 3 ॥
3.4
॥ मुक्तक 4 ॥
3.5
॥ मुक्तक 5 ॥
खण्ड-२ ॥ बाल कविता ॥
4
॥ रात्रि ॥
5
॥ कविता वन ॥
6
॥ मातृभूमि ॥
7
॥ कविता–सार ॥
खण्ड-३ ॥ काव्य ॥
8
॥ हार ॥
9
॥ यूँही जा रहा हूँ मैं ॥
10
॥ जुदाई ॥
11
॥ यादों को ज़हन में बसाए बैठे हैं ॥
12
॥ मत कर भरोसा मुझ पर ॥
13
॥ आखिरी पल ॥
14
॥ शब्द नहीं मिलते ॥
15
॥ रोने की वज़ह ॥
16
॥ हताश ॥
17
॥ भगवान को एक पत्र ॥
18
॥ बेरंगी दुनिया ॥
19
॥ गुज़री यादें ॥
20
॥ मन की उड़ान ॥
21
॥ मैं नदी हूँ ॥
22
॥ सफलता का महामंत्र ॥
23
॥ खुशियों का समाकलन ॥
24
॥ एकं सत् विप्रा बहुधा वदंती ॥
खण्ड-४ ॥ ग़ज़ल ॥
25
॥ मुझे क्या-क्या पसंद नहीं आता ॥
26
॥ धर्म और सत्ता ॥
27
॥ सिमटती दूनिया ॥
28
॥ वक्त ॥
29
॥ मेरे खुदा ॥
30
॥ संस्कृति ॥
31
॥ जिंदगी से मुस्कुराते हुए मिलो ॥
32
॥ दामिनी काण्ड ॥
33
॥ जन्मदाता ॥
34
॥ मूँछें मैं बढ़ाता हूँ ॥
35
॥ केदारनाथ बाढ़ ॥
36
॥ गुस्सा जो निकलना था सरकार पे ॥
37
॥ कुछ भी जरूरी तो नहीं ॥
38
॥ अवसाद का आलम ॥
39
॥ माँ प्रकृति ॥
40
॥ जरूरत ॥
41
॥ लोगों के ताने ॥
42
॥ आशिकी ॥
43
॥ आदमी की जड़ ॥
44
॥ शहर के फ्लैट ॥
45
॥ मज़हब और भगवान ॥
46
॥ आदत ॥
47
॥ दुआ ॥
48
॥ भूल जाता हूँ ॥
49
॥ टूटते सपने ॥
50
॥ दर्द ॥
51
॥ इश्क ॥
52
॥ कठपुतली ॥
53
॥ आखिरी चिंगारी ॥
54
॥ ख्वाब ॥
55
॥ माफीनामा ॥
56
॥ मोक्षा ॥
57
॥ हत्या ॥
58
॥ हँसी की खोज ॥
59
॥ वियोग ॥
60
॥ हक ॥
61
॥ रुहानी ॥
62
॥ अलग रास्तों का सफर ॥
63
॥ बिरह ॥
64
॥ विचार ॥
खण्ड-५ ॥ तालबद्ध गीत ॥
65
॥ बिना पँखों की उड़ान ॥
खण्ड-६ ॥ कथात्मक कविता ॥
66
॥ हरिया की भूतबाधा ॥
67
॥ गंगाघाट की जलपरियाँ ॥
68
॥ नारीवाद ॥
69
॥ बाँसुरीवाला ॥
70
॥ बकरे कि माँ ॥
खण्ड-७ ॥ Poems ॥
71
Morning
72
I like to walk in rain
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॥ दिल की गिरह खोल दो ॥
॥ दिल की गिरह खोल दो ॥
॥ विक्रम सिँह रावत ॥
2021-04-18
अध्याय 1
॥ दिल की गिरह खोल दो ॥
॥ दिल की गिरह खोल दो ॥