अध्याय 51 ॥ इश्क ॥
12 फरवरी, 2016
हमें उनका प्यार नहीं उनकी यादों का इक कोना चाहिए
पर इस पैसों की दुनिया में किसे दिल का सोना चाहिए॥
वो समझते नहीं की उनकी नाराजगी दिल तोड़ देती है
हमें अब पता चला उन्हें दिल नहीं एक खिलौना चाहिए॥
उन्हें हमें बेफिजूल परेशान करने में आता है मजा बहुत
मेरे मौला मेरे हिस्से का कुछ दर्द उनको भी होना चाहिए ॥
मैं एक खुल के बहती नदी हूँ, उन्हें बंद किताबें पसंद हैं
इस जमाने को साफ सीरत नहीं बस चेहरा सलोना चाहिए ॥
जो ख्वाब शुरू से चटका हुआ था उसका क्या गम करना
जो छूट गए उन रिश्तों पे आखिर क्यों किसी को रोना चाहिए ॥
कुछ छोड़ जाने वाले लौट कर वापस कभी आते नहीं है
अब नींद के आगोश में एक एक कर गमों को खोना चाहिए ॥
हमें उनका प्यार नहीं उनकी यादों का इक कोना चाहिए
पर इस पैसों की दुनिया में किसे दिल का सोना चाहिए॥